कितना
विरोध हो रहा हैं काग्रेंस का पर नतीजा... कुछ नही। वो कहावत हैं ना कि ,
एक पत्थर तो तबीयत से उछालों यारों .....पर पत्थर क्या, सारे उपाय जनता ने
कर दिये पर सरकार के समर्थन में आयी लाठिया, अश्रुगैस,पानी की बौछारे जनता
पर ही भारी पड़े।
दिल्ली पुलिस का अमानवीय चेहरा भी सामने आया.....
ठोस कदम के नाम पर जनता को मिला सिर्फ जॉच आयोग और कमे़टियों का तमगा........
निर्लज्ज और अवसरवादी नेताओं के दम पर सरकार यह छिनौना खेल खेल रही हैं।
देश हमारा अपने हाथों कुछ ऐसा बर्बाद रहा..........
जनमानस को भूल कर नेताओं को सत्ता सुख याद रहा......
मुलायम माया, सपा बसपा जब सत्ता मे आयी हैं..
देश को लगता है, चोर-चोर मानो मौसेरे भाई है..
भारत माता पर परतंत्र का फिर से कसा शिकंजा है.....
देश की बर्बादी का कारण केवल हाथ का पंजा हैं.........।
देश की बर्बादी का कारण केवल हाथ का पंजा हैं.........।